हैलो एवरीवन आज की इस पोस्ट में हम बात करने वाले हैं www kya hota hai और www full form की बात करें तो इसका फुल फॉर्म World Wide Web होता है आपने अक्सर देखा होगा की वेबसाइट के साथ www लिख कर आता है example- www.darkmedia123.com लेकिन ऐसा क्यू लिख कर आता है आज इन्ही सब टॉपिक पे बात होने वाली है तो चलिए जानते हैं वर्ल्ड वाइड वेब क्या है और www kaise kam karta hai
वर्ल्ड वाइड वेब क्या है इन हिंदी
WWW को डाक्यूमेंट्स का लीडर कहा जाता है क्यू की इसका काम ही यही होता है ये सारे डाक्यूमेंट्स को अपने अंदर इकठ्ठा करके रखता है और सबको अपने साथ जोड़ कर रखता है www एक टूल है इसके अंदर सारी इनफार्मेशन या डाटा स्टोर होता है एक वेबसाइट के रूप में www और internet दोनों को एक अच्छा दोस्त भी माना जाता है क्यू की दोनों एक दूसरे के साथ मिलकर काम करते हैं दोनों एक दूसरे पे depend रहते हैं। www इनफार्मेशन या डाक्यूमेंट्स का एक कलेक्शन होता है। दुनिया भर के कंप्यूटर्स को आपस में जोड़ कर रखने में www का बड़ा योगदान होता है। वर्ल्ड वाइड वेब html, http, web server और web browser पर अपना काम करता है। www को Web या W3 के नाम से भी जाना जाता है। सीधे से कहूं तो www एक ऐसा सिस्टम होता है जहाँ दुनिया भर की सारी वेबसाइट स्टोर होती हैं। www के ज़रिये हम इन्टरनेट को एक्सेस करते हैं या कम्यूनिकेट करते हैं।
www एक बहुत बड़ा नेटवर्क है जहाँ पर सारे web pages और hypertext file एक दूसरे से लिंक्ड हैं इन्हें एक्सेस करने के लिए हमें इन्टरनेट की ज़रूरत पड़ती है और इंटरनेट पे स्टोर डाक्यूमेंट्स को एक्सेस करने के लिए www की ज़रूरत पड़ती है। दुनिया भर की जितनी वेबसाइट्स या वेब पेजेस हैं www के under में होती हैं या ये भी कह सकते हैं इन webpages और websites को मैनेज करने का काम www ही करता है ये वेबसाइट, वेब सर्वर, वेब ब्राउज़र, हाइपर टेक्स्ट, यूआरएल और हाइपर लिंक को साथ लेकर ही काम करता है। और अब हम जानेंगे ये सब आपस में मिलकर कैसे काम करते हैं।
जब हमे किसी वेब डॉक्यूमेंट को एक्सेस करना होता है या ओपेन करना होता है तो हमे एक वेब ब्राउज़र की भी ज़रूरत पड़ती है जब हम ब्राउज़र में किसी वेबसाइट को सर्च करते हैं जैसे www.darkmedia123. Com इसे हम यूआरएल (url) कहते हैं। हर डोमेन का अपना एक अलग एड्रेस होता है जो की www के अंदर स्टोर वेबसाइट को ढूंढने में हेल्प करता है और डोमेन नेम के एड्रेस को एक सर्वर आईपी एड्रेस में बदल देता है क्यू की इसके अंदर तो दुनिया भर की लाखों वेबसाइट मौजूद होती हैं इसलिए हर डोमेन का एक एड्रेस होता है। www इसी एड्रेस को सर्वर में सर्च करके find करता है। तो आशा करता हूँ what is www in hindi आप को समझ आ गया होगा।
वर्ल्ड वाइड वेब का इतिहास – वर्ल्ड वाइड वेब का जन्म
अभी तक हमने पढ़ा और जाना www kya hai अब हम जानेंगे WWW का इतिहास क्या है www का इन्वेंटर Tim Berner Lee को कहा जाता है क्यू की इन्होंने ही www का अविष्कार सन् 1989 में किया था जो की एक ब्रिटिश वैज्ञानिक हैं। सभी वैज्ञानिकों को आपस में कनेक्ट करने के लिए ही www को बनाया गया था। www से पहले इन्टरनेट पर हम image, audio, video etc को नहीं स्टोर कर सकते थे। इसके पहले इन्टरनेट पर सिर्फ text, font ही हम देख पाते थे लेकिन जब www का जन्म हुआ तो इन्टरनेट पर काफी बदलाव देखने को मिला।
www 1990-1991 में लगभग दुनिया के आधे हिस्सो में पहुँच चुका था और सन् 1992 में दुनिया का पहला web browser बना था तभी 1992 के लास्ट तक में लगभग 27 वेबसाइट्स बन चुकी थी और सन् 1993 तक www का इस्तेमाल पूरी तरह से होने लगा था।
वर्ल्ड वाइड वेब के फायदे और नुकसान
अब हम बात कर लेते हैं www के फायदे और नुकसान के बारे में इसके ढेर सारे फायदे है तो थोड़े नुकसान भी हैं पहले हम इसके फायदे के बारे में बात करेंगे जो नीचे बताये गये हैं
० इसे हम पूरी दुनिया भर में कही से भी इंटरनेट के ज़रिये एक्सेस कर सकते हैं।
० www के ज़रिये हम इन्टरनेट पर मौजूद कोई भी इनफार्मेशन एक्सेस कर सकते हैं और साथ ही इन्टरनेट पर शेयर भी कर सकते हैं।
० इसके ज़रिये हम अपना कोई भी ऑनलाइन कोर्स कम्पलीट कर सकते हैं।
० इसके ज़रिये हम अपने बिज़नेस और ब्रांड को पूरी दुनिया में फैला सकते हैं।
० इसके ज़रिये अपने बिज़नेस के लिए वेबसाइट बना सकते हैं।
० इसके ज़रिये कर्मचारियों की ऑनलाइन भर्ती की जा सकती है।
० इसके ज़रिये हम एक दूसरे से सम्पर्क बनाये रख सकते हैं।
० पेमेंट लेनदेन की सुविधा हो सकती है।
तो देखा आपने इसके अपने और भी बहुत लाभ हैं लेकिन मैने आपको कुछ मेन फायदे बता दिया है अब हम इसके नुकसान की बात करने वाले हैं जो आपको नीचे बताये गये हैं।
० वेब के अंदर हर तरह के कंटेंट शामिल है इसलिए आपको ऐसे कंटेंट से सावधान रहना होगा जो आपके लिए हार्मफुल साबित हो सकते हैं।
० यहाँ जितनी ज़्यादा इनफार्मेशन या डाटा शेयर किया जाता है उतना ही ज़्यादा डाटा हैक होने का खतरा बना रहता है और साथ ही आपकी पहचान भी लीक हो सकती है।
० इनफार्मेशन या डाटा शेयर करते वक़्त आपके डिवाइस में ऑनलाइन वायरस की इंट्री हो सकती है जो आपके डाटा के लिए खतरा साबित हो सकता है।
० इसके ज़रिये ऑनलाइन फेक न्यूज़ फैलने की भी सम्भावना बनी रहती है।
० यूजर की जानकारी इकठ्ठा करने के लिए कुकीज़ का इस्तेमाल किया जाता है इससे कई तरह के स्पैम को यूजर तक पहुचाया जा सकता है जो उसके लिए बिलकुल भी हेल्पफुल नही है।
इंटरनेट और वर्ल्ड वाइड वेब के बीच का अंतर
चलिये अब जान लेते हैं इन्टरनेट और www के बीच क्या क्या फर्क है what is difference between internet and www in hindi
० इन्टरनेट नेटवर्को का एक ग्लोबल नेटवर्क है जबकी www का मतलब world wide web है।
० इंटरनेट दुनिया में कहीं से भी किसी कंप्यूटर को जोड़ने का एक साधन है वहीँ www इनफार्मेशन का एक कलेक्शन है जिसे इन्टरनेट के ज़रिये एक्सेस किया जाता है।
० इंटरनेट को एक बड़े डाटा की दुकान के रूप में देखा जा सकता है वहीँ www को उसकी बुनियादी ढाँचे के रूप में देखा जा सकता है।
० इसके difference को समझने के लिए हम इन्टरनेट को हार्डवेयर के रूप में देख सकते हैं वहीँ www को सॉफ्टवेयर के रूप में देख सकते हैं।
० इन्टरनेट www का सुपरसेट है वही www इन्टरनेट का एक सबसेट है।
० इन्टरनेट ip address का इस्तेमाल करता है जबकी www http का इस्तेमाल करता है।
आज की पोस्ट में हमने जाना वर्ल्ड वाइड वेब क्या है और कैसे काम करता है अगर आपको ये जानकारी पसंद आयी हो तो अपने दोस्तों के साथ whatsapp पर शेयर ज़रूर करें।