Tajmahal kahan hai | ताजमहल कहां है – ताजमहल के भयानक रहस्य

Tajmahal kahan hai | ताजमहल कहां है – ताजमहल के भयानक रहस्य


हैल्लो गाइज़ आज के इस आर्टिकल में मैं आप लोगों को बताने वाला हूँ tajmahal kahan hai क्यू की बहुत सारे लोगों को अब तक ये नही पता है कि ताजमहल कहां है इस वजह से मैंने सोचा की क्यू न इस पर भी एक आर्टिकल लिख दिया जाए और ताजमहल से रिलेटेड आप लोगों को पूरी जानकारी दे दी जाए ताजमहल एक ऐसी ईमारत है जिसका नाम शायद ही पूरी दुनिया में किसी ने न सुना होगा ताजमहल हमारे देश की शान है ताजमहल को दुनिया के सात अजूबों में भी गिना जाता है हर साल लाखों लोग देश विदेश से हमारे इंडिया में ताजमहल को देखने आते हैं जो की हमारे लिए बड़े गर्व की बात है ताजमहल एक अनोखी ईमारत है इसके जैसी ईमारत आपको पूरी दुनिया में नही मिलेगी क्यू की ताजमहल के अंदर काफी ऐसे रहस्य हैं जिन्हें जान कर आप हैरान हो जायेंगे इसको बनवाने में कितना खर्चा लगा और कितना समय लगा किसने बनवाया और क्यू बनवाया इन सब बारे में नीचे विस्तार से बताया गया है इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपको ताजमहल से रिलेटेड सारी जानकारी मिल जायेगी आपको इधर उधर किसी दूसरी वेबसाइट पे जाने की ज़रूरत नही पड़ेगी आप घर बैठे ही कुछ मिनटों के अंदर ताजमहल के बारे में सब कुछ जान जायेंगे वैसे तो ताजमहल की नकल कर के अब तक कई देशों में ठीक उसी तरह की बिल्डिंग बनायी जा चुकी है जो देखने में ताजमहल की तरह ही दिखती है लेकिन आपको बता दूँ ताजमहल की कॉपी तो कर ली गयी है लेकिन ताजमहल के अंदर जो खाशियत है वो अब तक किसी ने कॉपी नही कर पर पाया है और न ही कॉपी कर पायेगा क्यू की ताजमहल के जैसे अब दूसरा ताजमहल कोई चाह कर भी नही बना सकता है चाहे जितनी भी कॉपी कर लें ओरिजनल और कॉपी में अंदर से बहुत अंतर होता है बहार से भले ही सेम दिखाई दे लेकिन ओरिजनल की बात और शान ही अलग होती है।

क्या आपको पता है ताजमहल को इंडिया की सबसे खूबशूरत ईमारत मानी जाती है ताजमहल से हर साल भारत सरकार को करोड़ो रूपये का लाभ मिलता है।

Tajmahal kahan hai | ताजमहल कहां है

ताजमहल इंडिया में है जो की उत्तर प्रदेश राज्य के आगरा शहर में बना हुआ है अब आपको इतना तो पता ही चल गया होगा की tajmahal kahan per hai अब ताज़महल से रिलेटेड कुछ महत्वपूर्ण जानकारी भी जान लेते हैं सबसे पहले तो आपको बता दूँ आगरा का ताजमहल किसने बनवाया था दोस्तों आगरा का ताजमहल मुस्लिम बादशाह मुग़ल शाहजहाँ ने बनवाया था इसको बनवाने में काफी समय लगा था हालांकि आज के समय में एक अफवाह काफी तेज़ी से फैल रही है जिसमे दावा किया जा रहा है कि ताजमहल की जगह पर पहले वहां एक शिव मंदिर था फिर उसे तोड़कर उसकी जगह पर  मुस्लिम मुग़ल बादशाह शाहजहां ने ताजमहल बनवा दिया था लेकिन ये दावा झुठा और बेबुनियाद साबित हुआ है क्यू की वहां पर कभी भी किसी तरह का कोई भी शिवमंदिर नही थी बल्कि एक खाली जगह पर ताजमहल को बनवाया गया है लेकिन क्या आपको पता है ताजमहल को क्यू बनवाया गया था अगर नही पता है तो बता दूं मुग़ल बादशाह शाहजहाँ अपनी बीवी मुमताज से बेहद मोहब्बत और बेपनाह प्यार करते थे लेकिन उनकी बीवी मुमताज की आसमयिक मृत्यु हो गयी जिस वजह से शाहजहाँ काफी उदास रहने लगे थे उन्हें मुमताज बेगम की बहुत याद सताती थी वो अक्सर तन्हाई में बैठ कर उन्हें याद किया करते थे फिर उसी याद में शाहजहाँ ने ताजमहल का निर्माण कराना शुरू कर दिया इसिलए ताजमहल को मोहब्बत की निशानी कहा जाता है।

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ताजमहल को 1632 ई से ही बनाना शुरू कर दिया गया था इसे बनाने में लगभग 10 साल का समय लग गया था पूर्ण रूप से ताजमहल को 1643 ई में बना दिया गया था लेकिन संपूर्ण ताजमहल का निर्माण 1653 में ही कंप्लीट हुआ था उस समय इसे बनाने की लागत 320 लाख रुपए आई थी जो उस समय में बहुत हुआ करती थी आज के समय में इसकी कीमत 52 अरब रुपए से भी ज़्यादा है डॉलर में देखा जाए तो लगभग 827 मिलियन डॉलर बनता है।

ताजमहल का निर्माण अहमद लाहौरी के देखरेख में हुआ करता था इसलिए काफी हद तक इसका श्रेय उनको भी दिया जाता है ताजमहल के निर्माण के लिए 20,000 मजदूरों को लगाया गया था लेकिन बहुत ज्यादा गर्मी होने के कारण मजदूर थक जाया करते थे इसलिए फिर 2000 मजदूरों की संख्या और बढ़ा दी गई फिर कुल मिलाकर 22,000 मजदूर इसका निर्माण किया करते थे मजदूर काम करते-करते थके ना उनके शरीर में एनर्जी बनी रहे इसके लिए उन्हें गुण और  पेठा वा चासनी खिलाई जाती थी ताजमहल को बनाने के लिए दुनिया भर के कारीगरों को बुलाया गया था ताजमहल को बनाने के लिए कई तरह के कीमती पत्थरों का इस्तेमाल किया गया था ताजमहल को बनाने में सबसे ज्यादा इस्तेमाल सफेद संगमरमर का हुआ था जो कि बहुत ही महंगा और कीमती पत्थर होता है आज ऐसे ही अफवाह उड़ी है की मुगल बादशाह शाहजहां ने ताजमहल का निर्माण करने वाले सभी मजदूर और कारीगर के हाथ कटवा दिए थे और फिर उन हाथों को दफन करा दिया था ताकि दोबारा इस तरह का ताजमहल कोई और ना बना सके लेकिन यह पूरी तरह से झूठ साबित हुई है ऐसा कुछ भी नहीं है ना ही इसके कोई सबूत मिले हैं और अगर ऐसा होता भी तो आगरा शहर के अंदर आज तक एक भी हाथ कटे हुए क्यों नहीं मिले अगर शाहजहां ने 22,000 मजदूरों के हाथ कटवाए थे तो कुल मिलाकर 44,000 हाथ हो गए जो की संख्या में बहुत ज्यादा होते हैं अगर वो कहीं पर दफ़्न होते तो आज वो हमें जरूर मिलते हैं लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है tajmahal kahan hai ये तो आपको अच्छी तरह से पता चल गया चलिए अब ताजमहल के कुछ ऐसे रहस्य जान लेते हैं जिन्हें जानकर आप हैरान रह जाएंगे।


Tajmahal kahan hai | ताजमहल कहां है - ताजमहल के भयानक रहस्य

  • जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन भारत के दौरे पर आए हुए थे तो उन्होंने ताजमहल को भी ख़ास कर के देखा था और ताजमहल को देखने के बाद उन्होंने एक बात कहा था की आज मुझे एहसास हुआ इस दुनिया में दो ही तरह के लोग हैं एक वो जिन्होंने ताजमहल देखा है और दूसरे वो जिन्होंने ताजमहल नहीं देखा इस दुनिया में बहुत सारी अनोखी इमारतें हैं लेकिन यकीनन ताजमहल जैसी कोई भी नहीं है क्योंकि इसकी बुनियाद में एक बादशाह ने अपनी बेगम के लिए अपने दिल से रखा है।

  • लाखों लोग देश विदेश से ताजमहल को देखने आते हैं लेकिन उन्हें ये नही पता होता है कि जो सामने देख रहे हैं वह ताजमहल का पिछला हिस्सा है क्यू की जो शाही दरवाजा है वह नदी के किनारे दूसरी तरफ है आज ज्यादातर टूरिस्ट ताजमहल को वैसा नहीं देख पाते जैसा कि शाहजहां खुद चाहते थे मुगल काल में ताजमहल तक पहुंचने के लिए नदी ही मेन रास्ता हुआ करती थी यह उस समय का एक तरह का हाईवे हुआ करता था बादशाह और उनके जो शाही मेहमान दूर दराज से नाव में बैठकर आया करते थे नदी के किनारे एक चबूतरा होता था वो उसी में उतरा करते थे जैसे जैसे नदी बढ़ती गई और वो चबूतरा भी गायब होते गया बादशाह और उनके मेहमान उसी रास्ते से ताजमहल तक आया करते थे।

  • हमेशा से कहा जाता रहा है कि शाहजहां ने ताजमहल बनाने वाले मजदूरों के हाथ कटवा दिए थे लेकिन यह बात पूरी तरह से एक अफवाह है क्योंकि इस बात का कोई सबूत मौजूद नहीं है बहुत से इतिहासकार मानते है कि शाहजहां ने मजदूरों और कारीगरों को जिंदगी भर की सैलरी देकर उनसे एक करारनामा लिखवा लिया था कि वो ताजमहल जैसे अब कोई दूसरी इमारत नहीं बनाएंगे मुझे उम्मीद है tajmahal kahan per hai इस लेख को पढ़ते हुए आपको आनंद आ रहा होगा।

  • ताज महल की खुद की चार मीनार हैं ये पूरी सीधी नहीं हैं बल्कि चारों ओर बाहर की तरफ थोड़ी सी झुकी हुई हैं ऐसा इसलिए है ताकि जब कभी भी भूकम्प या आँधी तूफान आए तो ये बाहर की तरफ ही गिरे अंदर की तरफ न गिरे नही तो अंदर की तरफ कई नुकसान हो सकता है।

  • वैसे तो कुतुबमीनार हमारे देश की सबसे ऊंची मीनार में से एक मानी जाती है लेकिन आपको जानकर शायद ताज्जुब हो ताजमहल की ऊंचाई कुतुब मीनार से थोड़ी सी ज्यादा है ताजमहल 73 मीटर ऊंचा है और कुतुब मीनार की 72. 5 मीटर ऊँचा है।

  • इस दुनिया में जितनी भी बड़ी से बड़ी इमारतें हैं उन सब में सुंदर कैलीग्राफिक ताजमहल की है जब आप ताजमहल के बड़े वाले दरवाजे से अंदर जायेंगे तो दरवाजे पर लिखा ये सुलेख आपका स्वागत करता है हे रूह तू अल्लाह के पास आराम कर अल्लाह के पास शांति से रह और उसकी परम शांति तुझ पर बरसे ये कैलिग्राफिक थुलूट लिपि में है इसको डिजाईन करने वाले का नाम अब्दुल हक था जो की ईरान का नागरिक था इसे ईरान से बुलाया गया था शाहजहां उसकी बेहतरीन कलाकारी को जब देखा तो उसे उपाधि के तौर पर अमानत खान नाम दिया।

  •  जब शाहजहां बादशाह बने वह मुगल सल्तनत का सबसे सुनहरा समय हुआ करता था हर तरफ ख़ुशी का माहौल रहता था और जनता के लिए अपने बादशाह का हुक्म सबसे ऊपर हुआ करता था शाहजहां के राज़ में ज़्यादा लड़ाई झगड़े नही हुआ करते थे शाहजहाँ को खूबशूरत इमारतें बनवाने का बहुत शौक था।

  • ताजमहल की तरह इमारत इससे पहले दुनिया ने कभी भी नहीं देखी थी इसे बनाने के लिए सफेद संगमरमर राजस्थान के मकराना से मंगाया गया था जेड और क्रिस्टल चीन से लाया गया था लेपिस लाजुली अफगानिस्तान से मंगाया गया था टुरकोइस तिब्बत से और जेस्पर पंजाब लाया गया था साफ्फायर श्रीलंका से लाया गया था और कार्नेलियन अरब से लाया गया था इन सभी कीमती पत्थरों को विदेश से लाने के लिए 1000 से अधिक हाथियों का इस्तेमाल हुआ था आशा करता हूँ ताजमहल कहां है इसके साथ ही इसके रहस्यों के बारे में जानकर आपको अच्छा लग रहा होगा आप बोर नही हो रहे होंगे।

  • ताजमहल को बनाने के लिए सभी छोटी सी बड़ी चीज को हीरे के परख कर चुना गया था ताजमहल की दीवारों पर जो नक्काशी देखने को मिलती है इस तकनीक को इटली के कारीगरों ने सिखाया था।

  • 1857 की क्रांति के दौरान अंग्रेजों ने ताजमहल को बहुत ज़्यादा नुकसान पहुंचाया और उन्होंने कई बेशकीमती रत्नों को ताजमहल की दीवारों से चुरा लिया उसे अपने साथ लूटकर विदेश भाग गए।

  • ताजमहल का जो मेन गुम्बद हमे दीखता है एक टाइम में वो सोने का हुआ करता था 19वीं सदी की शुरुआत में सोने के कलश को हटाकर काशे का कलश लगा दिया गया था।

  • जब ताजमहल की नींव रखी जा रही थी तो उस वक़्त ताजमहल के चारों तरफ बहुत सारे गहरे कुएँ खोदे गए थे इन कुओं में ईंट पत्थर के साथ ही साथ आबनूस और महोगनी की लकड़ियों के लट्ठे डाले गए थे ये कुँए ताज की नींव को मजबूत बनाने के लिए बनाये गए थे आबनूस और महोगनी की लकड़ियों में एक खासियत होती है कि इन्हें जितनी ज़्यादा नमी मिलेगी उतनी ही ज़्यादा मजबूत होगी ताजमहल के पास बहने वाली यमुना नदी से ही इन्हें नमी मिला करती थी अब यमुना का पानी धीरे धीरे कम हो रहा है और लकड़ियों में नमी न होने के कारण सन 2010 में ताज में दरारें देखने को मिली जो हमे बताती हैं कि ताज खतरे में है।

  • जब 1653 में ताजमहल सम्पूर्ण रूप से बनकर तैयार हो गया था उस वक़्त ताज के निर्माण की कीमत करोड़ों में बताई गयी थी तो इस हिसाब से अगर ताज को आज बनवाया जाए तो इसे बनाने में कम से कम 57 अरब रूपये तक लगेंगे।

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अंतिम शब्द

आज के इस लेख में मैंने आपको ताजमहल से रिलेटेड पूरी जानकारी दिया है इसमें बताया गया है tajmahal kahan hai उम्मीद करता हूँ पोस्ट अच्छी लगी होगी और अब आप जान गए होंगे ताजमहल कहां है और इसके रहस्य क्या हैं अगर अभी भी आपके मन में इससे सम्बंधित कोई सवाल हो तो नीचे कॉमेंट्स बॉक्स में पूछ सकते हैं पोस्ट को शुरू से लेकर अंत तक पढ़ने के लिए आप सभी का धन्यवाद।

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