Sabse purana dharm kaun sa hai – जानिए हकीक़त

आज इस लेख के अंदर आप लोग जानने वाले हैं कि इस दुनिया का sabse purana dharm kaun sa hai क्योंकि धर्म को लेकर हमेशा अलग-अलग समुदाय के बीच झगड़ा होते रहता है और सभी अपने अपने धर्म को सबसे पुराना धर्म बताते हैं लेकिन आज हम इसी बारे में विस्तार से चर्चा करने जा रहे हैं और इसकी हकीकत से आज आप सभी को परिचित कराया जाएगा ताकि आप लोगों को भी इस बारे में पता चल सके duniya ka sabse purana dharm kaun sa hai क्योंकि इस बारे में आज हम सभी को पूरी जानकारी होना चाहिए ताकि हम जान सके कि आखिर इस दुनिया का सबसे पहला और सबसे पुराना धर्म या मज़हब कौनसा है अगर आप इंटरनेट पर सर्च करेंगे कि दुनिया का सबसे पुराना धर्म कौन सा है तो इस बारे में आपको बहुत सारे आर्टिकल अलग-अलग व्यवसायिक पर देखने को मिल जाएंगे और वहां पर कुछ लोग आपको बताएंगे कि हिंदू धर्म सबसे पुराना है तो कोई बताएगा इस्लाम धर्म सबसे पुराना है तो कोई आपको बताएगा कि यहूदी धर्म सबसे पुराना है इस वजह से धर्म को लेकर हमेशा दूसरे समुदाय के बीच तनातनी रहती है चलिए इस बारे में हम जान लेते हैं लेकिन उससे पहले हमें धर्म के बारे में भी पता होना जरूरी है तो सबसे पहले यहां पर आपको मैं बताने वाला हूं धर्म क्या है और हर धर्म हमें क्या सिखाते हैं।
सबसे पहले तो हम किसी भी धर्म के हो हमें अपनी इंसानियत नहीं भूलना चाहिए हमें किसी के ऊपर जुल्म नहीं करना चाहिए लेकिन ऐसा अक्सर होता है मान लीजिये की आज किसी दूसरे समुदाय के लोगों की हुकूमत है तो फिर वो दूसरों पर जुल्म करना शुरू कर देते हैं उन्हें बेवजह परेशान करते हैं और अपने गद्दी के दम पर अपनी सत्ता के दम पर उन्हें फर्जी केस में फंसा दिया जाता है या फिर कभी किसी दूसरे समुदाय के लोगों की हुकूमत आई तो फिर वो उनके साथ भी यही करना शुरू कर देते हैं तो कुल मिलाकर आज ये दुनिया धर्म को लेकर बहुत ज्यादा उलझ चुकी है।
धर्म क्या है?
आज हर धर्म के लोग आपस में खूब झगड़े फसाद कर रहे हैं आप बिल्कुल भी भाईचारा बाकी नहीं रह गया है आज सभी एक दूसरे के खून के प्यासे हैं आज सभी अपना अपना फायदा देख रहे हैं और अपनी इंसानियत भूलते जा रहे हैं जबकि इंसानियत ही इंसानों का सबसे बड़ा धर्म है और हर धर्म हम सभी को यही सिखाते हैं कि किसी बेगुनाह पर ज़ुल्म नहीं करना चाहिए किसी ताकतवर इंसान को कमजोर लोगों को परेशान नहीं करना चाहिए हमें किसी से बेईमानी नहीं करना चाहिए ना ही हमें किसी से उसकी जमीन या उसके पैसे हड़पने चाहिए हर धर्म यही सिखाता है कि हमेशा इमानदारी से अपनी जिंदगी जियो और किसी पर बेवजह जुल्म ना करो किसी से बेईमानी ना करो किसी से झूठ ना बोलो किसी से धोखा ना करो अपनी दौलत पर अपनी ताकत पर या अपनी सत्ता पर घमंड ना करो लेकिन इसके बावजूद आज सभी इंसान अपनी इंसानियत भूलते जा रहे हैं और इस हकीकत से अनजान होते जा रहे हैं कि आखिर ऊपर वाले ने हम सब के मालिक ने हमें इस दुनिया में क्यों भेजा है जबकि सच्चाई यही है कि यह दुनिया इम्तिहान का एक जहां है यहां पर हम सब अपना-अपना इम्तिहान दे रहे हैं और एक दिन हम सभी को मौत भी आ जानी है और हमें इसे मिट्टी में मिल जाना है इसके बाद ऊपर हमें हमारे कर्मों का फल दिया जाएगा यानी कि हमारे इम्तिहान का रिजल्ट जारी किया जाएगा।
और इसीलिए हमें बनाने वाले ने जन्नत/स्वर्ग और दोजख/नर्क भी बनाया है ताकि जो इंसान अपने इम्तिहान में पास हो जाते हैं दुनिया में अच्छा काम करते हैं किसी दूसरे गरीब को नहीं सताते हैं अपनी ताकत का घमंड नहीं करते हैं और अपने रब की इबादत करते हैं उन्हें जन्नत में जगह दी जाती है और जो लोग इस दुनिया में बुरे काम करते हैं अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल करते हैं झूठ बोलते हैं बेईमानी करते हैं या बेवजह किसी को तंग करते हैं अपने रब को नाराज करते हैं तो उन्हे दोजख में जगह दी जाती है।
धर्म चाहे कोई सा भी हो हर धर्म हमें अच्छाई सिखाता है लेकिन अफसोस की बात तो ये है कि आज लोग अपने ही धर्म का सही से पालन नहीं करते हैं और जो उनके मन में आता है वही काम करते हैं अपने धर्म के अनुसार नहीं चलते हैं और भूल जाते हैं कि एक दिन ऐसा भी आना है जब मौत आएगी और उन्हें इसे मिट्टी में मिला देगी और उनके अंदर की रूह/आत्मा ऊपर रब के पास हिसाब किताब देने के लिए चली जाएगी और सभी इंसानों को इस दुनिया से खाली हाथ लौट कर चले जाना है उनकी सारी दौलत और कीमती चीजें यही कि यहीं धरी रह जाएगी क्योंकि इंसान इस दुनिया में खाली हाथ आता है और खाली हाथ लौट कर चला जाता है इस दुनिया में इंसान खुद भी स्थाई नहीं है एक दिन इस दुनिया से सभी इंसानों को मिट जाना है क्योंकि जब इस दुनिया में एक भी अच्छे इंसान नहीं बचेंगे इस दुनिया से अच्छाई का नामो निशान मिट जाएगा और बुराई का बोलबाला होगा तो समझ जाइए कि यह दुनिया मिटना निश्चित है।
हर धर्म के अपने अलग-अलग नियम होते हैं कोई भगवान की पूजा करता है तो कोई अपने अल्लाह की इबादत करता है कोई सिर्फ एक ही रब पर यकीन रखता है और मानता है कि सिर्फ और सिर्फ एक ही रब है तो कोई बहुत सारे भगवानों पर विश्वास रखता है।
Sabse purana dharm kaun sa hai – सबसे पुराना धर्म कौन सा है?
सबसे पुराना धर्म कौन सा है – सबसे पुराना धर्म इस्लाम है क्योंकि इस्लाम ही इस दुनिया में सबसे पहले आया इसलिए इस्लाम मज़हब को सबसे पुराना मज़हब माना जाता है चलिए अब आपको बताता हूं कि इस्लाम सबसे पुराना धर्म क्यों है और इस्लाम मज़हब की क्या खासियत है और इतने सारे लोग क्यों इस्लाम मज़हब को अपना रहे हैं आपको बताना चाहूंगा कि इस दुनिया में मात्र इस्लाम ही एक ऐसा धर्म है जो दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ने वाला धर्म माना जाता है हर दिन हजारों लोग इस्लाम मज़हब को अपना रहे हैं और हर वर्ष लाखों लोग इस्लाम कबूल कर रहे हैं क्योंकि इस्लाम एक सच्चा और सबसे प्यारा धर्म है बस इसे सही तरह से समझने की आवश्यकता है लेकिन कुछ लोग इस्लाम मजहब में बहुत सारी कमियां निकालने की फिराक में रहते हैं और आधी अधूरी नॉलेज लेकर इस्लाम मजहब को बदनाम करने की कोशिश करते हैं लेकिन इसके बावजूद भी इस्लाम धर्म थमने का नाम ही नहीं ले रहा है दिन पर दिन और तेजी से बढ़ते जा रहा है और कई बड़ी-बड़ी रिसर्च के मुताबिक ऐसा भी माना जा रहा है 2050 तक इस्लाम धर्म और भी आगे पहुंच जाएगा और इसी कर देने वाला आस-पास कोई भी नहीं होगा क्योंकि इस्लाम धर्म जिस स्पीड से आगे की तरफ बढ़ रहा है इसे रोक पाना किसी के बस की बात नहीं है।
इस्लाम धर्म सबसे पुराना इसलिए है क्योंकि इस दुनिया के जो सबसे पहले इंसान है उनका नाम है हज़रत आदम अलैहिस्सलाम जोकि इस्लाम मजहब को फॉलो करने वाले हैं और इस दुनिया के सबसे पहले नबी हैं और हम सब इन्हीं की औलादे हैं इस दुनिया की शुरुआत इन्हीं से हुई है और इस दुनिया की सबसे पहली औरत इनकी बीवी हज़रत हवा अलैहिस्सलाम हैं और इन्हें इस दुनिया में अल्लाह ने श्रीलंका में उतारा था और आज भी इनके पैर के निशान श्रीलंका में देखने को मिल जाते हैं जिनका साईज़ काफी बड़ा है और इस्लाम धर्म में लगभग 124000 पैगंबर बताए गए हैं उन्हीं में से हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम भी हैं और इन्हें यहूदी और ईसाई भी अपना पैगंबर मानते हैं इस्लाम मजहब में पैगंबर हजरत ईसा अलैहिस्सलाम भी हैं जिन्हें ईसाई ईसा मसीह के नाम से पुकारते हैं और उनकी प्रार्थना करते हैं।
बहुत सारे लोग इस बात को लेकर गलतफहमी में रहते हैं कि इस्लाम मजहब सिर्फ 1400 साल पुराना है लेकिन ये बात पूरी तरह से गलत है और जबकि यहूदी धर्म को 4000 साल पुराना बताते हैं लेकिन यही यहूदी हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम को खुद का भी पैगंबर मानते हैं और हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम का जिक्र कुरान शरीफ में बखूबी किया गया है और इनका जन्म 4000 साल पूर्व हुआ था और कुरान शरीफ की सूरह नंबर 14 में बाकायदा सूरह इब्राहिम है जो इन्हीं से संबंधित है लेकिन बहुत सारे लोग इस गलतफहमी में रहते हैं कि इस दुनिया में जब से हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो तआला अलेही वसल्लम का जन्म हुआ है तभी से इस्लाम की शुरुआत हुई है लेकिन या पूरी तरह से गलत है क्योंकि हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो तआला अलेही वसल्लम इस दुनिया के सबसे आखरी नबी है तो यहां पर साफ साफ पता चल रहा है कि इस्लाम धर्म कोई आज का नया नहीं है इस्लाम धर्म तो तब से है जब से इस दुनिया में हजरत आदम अलैहिस्सलाम को अल्लाह ने उतारा यानी कि इस दुनिया के सबसे पहले नबी हजरत आदम अलैहिस्सलाम जब से इस दुनिया में आए हैं तभी से दुनिया मे इस्लाम की शुरुआत हुई है।
लेकिन जब इस दुनिया की शुरुआत हुई और जब हजरत आदम अलैहिस्सलाम की औलादे बढ़ना शुरू हुई तो उनमें आपस में कई फिर से बढ़ गए और वहीं से अलग-अलग धर्म भी जन्म लेने लगे कोई किसी पत्थर को पूछने लगा कोई जानवरों की पूजा करने लगा तो कोई सिर्फ अपने रब की ही इबादत करता था कुल मिलाकर बहुत सारे लोग रास्ता भटक गए और इसी वजह से फिर अल्लाह ताला ने और भी बहुत सारे 124000 पैगंबरों को यानी कि नबियों को इस दुनिया में भेजा जो कि इंसानों को सही रास्ता दिखाने का कार्य करते थे और सभी को बताते थे कि अल्लाह ही तुम्हारा रब है और उसी ने इस पूरी कायनात को बनाया है इस पूरे जहां का मालिक सिर्फ और सिर्फ अल्लाह है अल्लाह के अलावा किसी और की इबादत करना सख्त मना है तो ऐसे में बहुत सारे लोग वापस से सही रास्ता पर आ गए लेकिन कुछ लोग तब भी सही रास्ते पर नहीं आए और भटकते चले गए उन्होंने गलत रास्ते को चुन लिया और पत्थर, पेड़, जानवर, सूर्य और शैतान आदि की इबादत/पूजा करने लगे तो सीधे से कहा जा सकता है कि इस्लाम ही सबसे पुराना धर्म है।
इस्लाम मज़हब की खासियत पर भी ध्यान दें
इस्लाम ही एक ऐसा धर्म है जो कभी आपस में बैर रखना नहीं सिखाता है और किसी तरह का मतभेद रखना भी नहीं सिखाता है इस्लाम में सभी को एक समान सम्मान देने के लिए हुक्म दिया गया है इससे कोई भी फर्क नहीं पड़ना चाहिए कि सामने कोई गरीब है या कोई छोटा इंसान है आप को बराबर से उसका सम्मान करना है यही इस्लाम हमें सिखाता है इस्लाम धर्म हमें साफ-साफ कड़े शब्दों में हुक्म देता है कि किसी भी लाचार इंसान का फायदा नहीं उठाना चाहिए और फिर सामने वाला व्यक्ति भले ही दूसरे धर्म को मानने वाला हो तब भी हमें उसे बेवजह किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाना है इस्लाम का भी भी पहल करना नहीं सिखाता है यदि सामने वाला व्यक्ति पहल करता है तो आप उसे जवाब जरूर दें क्योंकि इसकी इजाजत हमें इस्लामपुर देता है क्योंकि जुल्म सहना और खामोश रहना भी एक तरह से गुनाह है इसलिए इस्लाम हमें जुल्म सहने की इजाजत नहीं देता है बल्कि जिहाद करने की इजाजत देता है ताकि हम जिहाद कर सके और अपनी जान की हिफाजत कर सकें जिहाद का मतलब होता है अपने हक के लिए लड़ाई करना अपनी जान बचाने के लिए लड़ाई करना।
आजकल आपने न्यूज़ मीडिया वगैरह में भी देखा होगा कि जिहाद को लेकर काफी बात का बतंगड़ बनाया जा रहा है उसमें तरह-तरह की बातें बताई जा रही है जिहाद का मतलब गलत तरीके से बताया जा रहा है जबकि जिहाद का सच्चा मतलब सिर्फ और सिर्फ यही होता है कि अपने हक की लड़ाई के लिए या अपने बचाव के लिए अपने दुश्मन से लड़ना और बेवजह जुल्म को ना पहना इसी को जिहाद कहते हैं।
इस्लाम मज़हब में सभी लोगों को मस्जिद जाने का पूरा हक होता है इसमें कोई नीची या ऊंची जाति का होना जरूरी नहीं है क्योंकि अल्लाह की नज़र में एक बादशाह और एक फकीर दोनों एक समान है और अल्लाह ने अपने नबियों के द्वारा और कुरान शरीफ के द्वारा हम इंसानो को संदेश दिया है की अपने रब के अलावा किसी दूसरे की इबादत ना करो सिर्फ अल्लाह पर यकीन रखो और अल्लाह की इबादत करो क्योंकि अल्लाह के अलावा कोई और इबादत के लायक नहीं है और अल्लाह ही इस पूरी कायनात को बनाने वाला है अल्लाह ही इस पूरे जहां का मालिक है अल्लाह ही जमीन ओ आसमान को बनाने वाला है इस्लाम धर्म में सिखाया जाता है कि दूसरे की बहन बेटियों पर गंदी नजर ना डालो उन्हें देखो तो अपनी नजरों को नीचे कर लो और अपनी नजरों से पर्दा करो और लड़कियों के लिए भी खास पैगाम दिया गया है कहां गया है कि पर्दा करो और बेहयाई ना करो अपने जिस्म की नुमाइश ना करो गैर मर्द के सामने पर्दे में रहो ताकि बुरी नजरों से बच सको।
इस्लाम एक बहुत ही खूबसूरत मज़हब है और जिंदगी को सही तरीके से जीने कासंपूर्ण रास्ता दिखाता है और इस दुनिया की हकीकत को दर्शाता है इसलिए इस्लाम सच्चा और सबसे पुराना धर्म है।
अंतिम शब्द
आज इस आर्टिकल के अंदर आप लोगों को बताया गया है sabse purana dharm kaun sa hai उम्मीद करता हूं कि इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आप लोगों को बहुत कुछ सीखने को मिला होगा अगर जानकारी पसंद आई हो तो आगे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें आपके मन में इससे संबंधित अभी भी किसी तरह का कोई प्रश्न हो तो नीचे कमेंट बॉक्स में जरूर पूछें।
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