ताजमहल बनाने वाले के हाथ क्यों काटे गए | जानिए पूरी हकीक़त

ताजमहल बनाने वाले के हाथ क्यों काटे गए | जानिए पूरी हकीक़त


हैल्लो दोस्तों कैसे हैं आप सब उम्मीद करता हूं हमेशा की तरह आप बिल्कुल ठीक होंगे आज के इस आर्टिकल में मै आप लोगों को बताने वाला हूं ताजमहल बनाने वाले के हाथ क्यों काटे गए क्या सच में मुगल बादशाह शाहजहां ने ताजमहल बनाने वाले मजदूर और कारीगरों के हाथ कटवाए थे तो आइए जानते हैं की इस बात में कितनी सच्चाई है दरअसल हमेशा से एक अफवाह उड़ती रही है मुगल बादशाह शाहजहां ने ताजमहल बनाने वाले मजदूरों के और कारीगरों के दोनों हाथ कटवा दिए थे और फिर उन्हें कहीं दफ़्न करवा दिए थे लेकिन इतिहासकारों ने इस बात को एक अफवाह साबित कर दिया है उनका कहना है की मुगल बादशाह शाहजहां ने किसी भी कारीगर या जदूर के हाथ नहीं कटवाए थे बल्कि उन्हें उनकी जिंदगी भर की मेहनताना दे दी थी और उनसे एक कागज पर एग्रीमेंट कराया था यानी कि करारनामा लिखवाया था कि अब वह दोबारा कहीं भी काम नहीं करेंगे और ना ही अपनी जिंदगी में ताजमहल जैसी दूसरी इमारत बनाएंगे बाकायदा करारनामे पर मजदूरों की और कारीगरों की सिग्नेचर भी ली गई थी।

इसलिए यह बात पूरी तरह से गलत साबित हुई है बहुत सारे इतिहासकारों का कहना ये भी है कि अगर बादशाह शाहजहां ने मजदूरों के हाथ कटवाए भी थे और उन्हें दफन करवाए थे तो आज तक कभी भी कोई हाथ जमीन से क्यों नहीं मिला है ताजमहल को बनाने के लिए 22000 मजदूर लगे हुए थे उस हिसाब से अगर 22000 मजदूरों के हाथ काटे जाएं तो टोटल 44000 हाथ हो जाएंगे जो कि एक बहुत बड़ी संख्या होती है आप खुद जानते हैं ऐसे में अगर 44000 हाथ को जमीन में दफन किया जाए तो एक ना एक दिन या कई सालों बाद जमीन से खुदाई के दौरान या खुद ब खुद ऊपर जरूर आ जाएंगे लेकिन आज तक एक भी हाथ आगरा की जमीन से नहीं मिले हैं।

ताजमहल बनाने वाले के हाथ क्यों काटे गए

ताजमहल हमेशा से विवादों में घिरा रहा है और आए दिन ताजमहल एक चर्चा का विषय बना रहता है ताजमहल को लेकर एक बहुत बड़ी गलतफहमी कुछ लोगों को और है उनका मानना है कि ताजमहल क्यों मंदिर को तोड़कर बनाया गया है ताजमहल से पहले यहां पर एक शिव मंदिर हुआ करता था इसलिए वो लोग आज भी ताजमहल को खोदने की मांग करते हैं लेकिन इतिहासकारों ने और बड़े-बड़े वैज्ञानिकों ने इस बात को भी मानने से इनकार कर दिया है और उन्होंने साफ तौर पर कह दिया है कि यहां पर शिव मंदिर तो क्या किसी भी तरह की कोई मंदिर नहीं थी इसको लेकर कई बार कोर्ट में याचिका भी दायर कराई गई है लेकिन कोर्ट की तरफ से इस याचिका को खारिज कर दिया जाता है कोर्ट इसे बेबुनियाद और कोर्ट का समय बर्बाद करने की बात बताता है कई बार तो कोर्ट के जज ने इस पर याचिका दायर कराने वालों को फटकार भी लगाया है और उन्हें सही से इतिहास पढ़ने की सलाह भी दिया है तो इससे हमें पता चलता है की ताजमहल के नीचे किसी तरह की मंदिर नहीं है ये बस एक अफवाह है ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि ताजमहल को मुस्लिम बादशाह ने बनवाया था तो ऐसे में जो लोग मुस्लिम बादशाह शाहजहां से जलते हैं वो हमेशा उन पर किसी ना किसी तरह का आरोप लगाते रहते हैं।

शाहजहां ने ताजमहल को अपनी बीवी मुमताज महल की याद में साफ और पवित्र दिल से बनवाया था इसलिए वो जगह कभी विवादित हो ही नहीं सकती अगर वहां पर कोई मंदिर होती तो शाहजहां उस जगह पर मुमताज महल की याद में ताजमहल कभी ना बनवाते क्योंकि उनकी मोहब्बत पूरी तरह से पवित्र थी इसलिए अफवाह फैलाने वालों को इस तरह की हरकतें करने से पहले हजार बार जरूर सोच लेना चाहिए।

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अंतिम शब्द

आज से इस लेख में हमने विस्तार से जाना है ताजमहल बनाने वाले के हाथ क्यों काटे गए मुझे उम्मीद है कि आपको सारी जानकारी प्राप्त हो गई होगी और सब कुछ अच्छी तरह से समझ आ गया होगा अगर अभी भी इस से रिलेटेड आपके मन में कोई डाउट हो तो नीचे कमेंट करके पूछ सकते हैं पोस्ट अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें।

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