इस्लाम कैसा धर्म है – जानिए इस्लाम धर्म के बारे में

हैल्लो डार्क रीडर्स आज इस आर्टिकल के अंदर आप लोग जानेंगे इस्लाम कैसा धर्म है क्योंकि इस सवाल को हजारों लोग इंटरनेट पर सर्च करते हैं इस वजह से आज इस आर्टिकल के अंदर आपको इस्लाम से संबंधित पूरी जानकारी दी जाएगी ताकि आप लोगों को इस्लाम के बारे में सही जानकारी प्राप्त हो सके इसके लिए इस आर्टिकल को शुरू से लेकर अंत तक जरूर पढ़ें जैसा कि आप सब जानते हैं इस्लाम एक ऐसा धर्म है जो दुनिया में काफी तेजी से फैल रहा है इस्लाम दुनिया का सबसे तेजी से फैलने वाला धर्म माना जाता है यदि आप इंटरनेट पर सर्च करेंगे कि दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ने वाला धर्म कौन सा है तो आपको जवाब नहीं मिलेगा इस्लाम क्योंकि इस्लाम ही मात्र एक ऐसा धर्म है जो बहुत ही तेजी से इस दुनिया में आगे बढ़ रहा है और हर वर्ष लाखों लोग इस्लाम धर्म को कुबूल कर रहे हैं हालांकि इसके पीछे बहुत सारे कारण हैं आगे हम जानेंगे इस्लाम इतनी तेजी से क्यों फ़ैल रहा है और हजारों लाखों लोग इस्लाम धर्म को क्यों अपना रहे हैं सबसे पहले तो आपको जानकारी होना चाहिए इस्लाम धर्म नहीं बल्कि एक मज़हब है लेकिन फिर भी हिंदी में हम मज़हब को धर्म कह सकते हैं जैसे हिंदू एक धर्म है वैसे ही इस्लाम एक मज़हब है हालांकि धर्म और मज़हब का मतलब एक ही है आज हम देख सकते हैं कि इस्लाम दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा धर्म है इस दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी ईसाई धर्म को मानने वाले लोगों की है उसके बाद इस्लाम धर्म के मानने वालों की है लेकिन जिस हिसाब से इस्लाम दिन पर दिन तेजी से बढ़ते जा रहा है उस हिसाब से कई रिपोर्ट ने दावा किया है की 2050 या 2070 तक इस दुनिया में इस्लाम को मानने वालों की संख्या सबसे अधिक होगी और इस्लाम दुनिया का नंबर 1 धर्म बन जाएगा।
इस्लाम धर्म को लेकर दूसरे समुदाय के लोग हमेशा कोई न कोई विवाद खड़ा करते रहते हैं क्योंकि इस्लाम जिस हिसाब से बढ़ रहा है और लोग इस्लाम धर्म को अपना रहे हैं इस डर से दूसरे धर्म को मानने वाले लोग काफी चिंतित हैं और उन्हें अपने धर्म पर खतरा नजर आ रहा है उन्हें लग रहा है कि अगर इस्लाम ऐसे ही तेजी से बढ़ता रहा तो 1 दिन उनका धर्म खत्म हो जाएगा।
इस्लाम धर्म हमेशा सुर्खियों में रहा है लोगों ने इस्लाम धर्म के अंदर बहुत सारी कमियों को निकालने की कोशिश किया है और आज भी कोशिश करते आ रहे हैं लेकिन इसके बावजूद इस्लाम तेजी से बढ़ रहा है इस्लाम धर्म में आज तक किसी ने कोई कमी नहीं निकाल पाया है क्योंकि इस्लाम एक सच्चा धर्म है और इस्लाम ही सबसे अच्छा धर्म है इस वजह से लोग इस्लाम धर्म को अपना रहे हैं क्योंकि जैसे-जैसे दुनिया आगे बढ़ रही है लोग और भी ज्यादा एजुकेटेड होते जा रहे हैं और आज इंटरनेट का जमाना है लोगों को सही और गलत का फर्क बखूबी पता है।
इस्लाम कैसा धर्म है – Islam kaisa dharm hai?
बहुत सारे लोगों को इस बात को लेकर गलतफहमी रहती है कि इस्लाम सिर्फ 1400 साल पुराना धर्म है जबकि यह बात पूरी तरह से गलत है क्योंकि इस्लाम ही दुनिया का सबसे सच्चा और सबसे पुराना धर्म है और बहुत सारे लोग जानबूझकर भी इस अफवाह को और फैलाते हैं ताकि दूसरों को लगे कि इस नाम कोई पुराना नहीं बल्कि आज का आया हुआ एक नया धर्म है जबकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है इस दुनिया में इस्लाम धर्म उसी दिन से आ गया था जिस दिन इस दुनिया में अल्लाह तआला ने हज़रत आदम अलैहिस्सलाम को श्रीलंका की जमीन पर उतारा था और हजरत आदम अलैहिस्सलाम ही दुनिया के सबसे पहले इंसान हैं और यह दुनिया उन्हीं से आगे बढ़ी है हजरत आदम अलैहिस्सलाम ही इस दुनिया के बाप हैं और इस दुनिया की सबसे पहली औरत हज़रत बीवी हव्वा हैं इस्लाम धर्म के मुताबिक हज़रत बीवी हव्वा को हजरत आदम अलैहिस्सलाम की बाई पसली को काटकर अल्लाह ने बनाया था इसी वजह से पुरुषों के मुकाबले सभी औरतों के अंदर एक पसली ज्यादा पाई जाती है हजरत आदम अलैहिस्सलाम इस दुनिया के सबसे पहले इंसान और सबसे पहले नबी हैं और और इस दुनिया के सबसे आखरी नबी हैं हजरत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो तअला अलेही वसल्लम है इनका जन्म 1400 साल पहले हुआ था तभी से दूसरे धर्म के लोगों को लगता है कि इस्लाम धर्म की शुरुआत हजरत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो तअला अलेही वसल्लम के पैदा होने से ही हुई लेकिन उन्हें इस बारे में यह जानकारी नहीं है कि हजरत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो तअला अलेही वसल्लम दुनिया के आखिरी नबी है इस्लाम धर्म की शुरुआत तो तभी से हो गई थी जब दुनिया में हजरत आदम अलैहिस्सलाम को अल्लाह तअला ने उतारा था।
इस दुनिया में हजरत आदम अलैहिस्सलाम के आने के बाद से अल्लाह तअला ने लगभग 124000 पैगंबर इस दुनिया में भेजें ताकि इंसानों को सही रास्ता दिखाया जा सके क्योंकि हजरत आदम अलैहिस्सलाम के बाद से जब यह दुनिया आगे बढ़ी तो काफी सारे लोग रास्ता भटक गए और अल्लाह की इबादत करने के बजाए पत्थर की पूजा करने लगे तो कोई जानवर की पूजा करने लगा इस वजह से अल्लाह तअला ने इस दुनिया में बहुत सारे नबियों को भेजा और उन्होंने इंसानों को सही रास्ता दिखाने का कार्य किया इसके बाद बहुत सारे लोग सही रास्ते पर आ गए और अल्लाह की इबादत करने लगे लेकिन इसके बावजूद बहुत सारे लोग ऐसे भी थे।
जिन्होंने गलत रास्ते को ही चुना और अल्लाह की इबादत करने से इंकार कर दिया इसलिए आज भी इस दुनिया में ऐसे बहुत सारे लोग हैं जो अल्लाह की इबादत नहीं करते हैं कोई पत्थर की इबादत करता है कोई सूर्य की इबादत करता है कोई गॉड की इबादत करता है तो कुल मिलाकर सभी अलग-अलग रास्ते पर भटक गए हैं लेकिन इस्लाम धर्म के मुताबिक 1 दिन इस दुनिया में इस्लाम का बोलबाला होगा और सभी लोग इस्लाम की तरफ आने लगेंगे और आज ऐसा हो भी रहा है लेकिन इस्लाम धर्म के मुताबिक 1 दिन फिर से ऐसा आएगा जब इस दुनिया से इस्लाम मिट जाएगा और इस दुनिया से सारी अच्छाइयां मिट जायेगी तभी इस दुनिया में कयामत भी आ जाएगी और इस दुनिया को अल्लाह तअला हमेशा के लिए खत्म कर देंगे।
इस्लाम के 5 अरकान (पिलर्स) या स्तंभ क्या है?
इस्लाम धर्म के पांच अरकान है अरकान यानी कि पिलर या फिर स्तंभ कह सकते हैं तो आइए जानते हैं आखिर ये पांच अरकान कौन-कौन से हैं उससे पहले बता दूँ अगर कोई मुसलमान इन पांचो पर अमल नहीं करता है तो उसे मुसलमान नहीं कहा जा सकता है क्योंकि यही इस्लाम की पांच बुनियाद हैं इनका पालन करना सभी मुसलमानों के लिए अनिवार्य है।
Shahada (शहादह)
इस्लाम का जो सबसे पहला और इंपॉर्टेंट पिलर है वो है शहादह जिस का हिंदी अर्थ होता है गवाही देना और विश्वास रखना कि अल्लाह के अलावा कोई और माबूद नहीं है मतलब अल्लाह के अलावा कोई और इबादत के लायक नहीं है और मोहम्मद सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम अल्लाह के रसूल और बंदे हैं। इसलिए हर मुसलमान अपनी जुबान और दिल से कहता है ला इलाहा इल्लल्लाह मुहम्मदुन रसूलुल्लाह यानी कि जब तक कोई व्यक्ति इस बात को नहीं मान लेता है कि अल्लाह के अलावा कोई और इबादत के लायक नहीं है अल्लाह के अलावा किसी और की इबादत नहीं की जा सकती है और बेशक मोहम्मद सल्लल्लाहो तअला अलेही वसल्लम अल्लाह के रसूल और बंदे हैं तब तक कोई मुसलमान नहीं हो सकता है इसलिए हर मुसलमानों को इस बात पर विश्वास रखना अनिवार्य है तो ये हो गया इस्लाम का पहला अरकान आइए अब दूसरे अरकान के बारे में जानते हैं।
Namaz (नमाज़)
इस्लाम का दूसरा पिलर है नमाज़ इसलिए हर मुसलमान को दिन में 5 बार नमाज पढ़ना होता है हर मुसलमानों पर नमाज फर्ज है इसलिए दिन में 5 बार नमाज पढ़ना अनिवार्य है औरत हो या आदमी हो ये पाँचों अरकान सभी पर लागू हैं क्योंकि नमाज़ इबादत है, नमाज अल्लाह और बन्दों को जोड़ने का एक बेहतरीन माध्यम है पांच वक्त की नमाज कुछ इस तरह से हैं नीचे आपको बताया गया है।
- (फज़र) Fajr की नमाज सुबह के वक्त सूरज निकलने से पहले अदा की जाती है इसके लिए अज़ान होती है उसके बाद सभी मुसलमान नमाज़ पढ़ते हैं।
- (दुहर) Duhur की नमाज दोपहर के वक्त पढ़ी जाती है जैसे हर नमाज से पहले अज़ान होती है वैसे ही दुहर की नमाज पढ़ने से भी पहले अजान होती है फिर सभी मुसलमान नमाज अदा करते हैं नमाज़ पढ़ने के लिए सभी आदमी मस्जिद जाते हैं और औरतें घर पर ही नमाज पढ़ती हैं।
- (असर) Asr की नमाज दोपहर के बाद अदा की जाती है।
- (मगरिब) Maghrib की नमाज़ शाम के वक्त जब सूरज डूबने का वक़्त होता है तब अदा की जाती है।
- (इशा) Isha की नमाज को रात के वक्त पढ़ी जाती है।
नमाज पढ़ने से पहले सभी मुसलमानों को वजू बनाना पड़ता है यानी कि अपने हाथ में पैर मुह को धूलना होता है और नमाज पढ़ने के लिए सभी मुसलमानों का पाक होना भी जरूरी है यानी कि सभी मुसलमानों को हमेशा साफ सफाई का ध्यान रखना है और गंदगी से दूर रहना है यदि आप गंदे हैं तो आपको सबसे पहले नहा धोकर पाक होने की आवश्यकता है नमाज पढ़ने के लिए सभी पुरुषों को मस्जिद जाना होता है और सभी औरतों को घर पर पढ़ना होता है लेकिन अगर आस-पास कोई मस्जिद ना हो या फिर किसी तरह की कोई मजबूरी हो तो पुरुष भी घर में नमाज अदा कर सकते हैं लेकिन नमाज हर हाल में पढ़ना होता है।
Ramzan (रमज़ान)
रमज़ान में सभी मुस्लिमों को 30 दिन तक रोज़ा रखना होता है इस्लाम में रमजान सबसे पाक और पवित्र महीना माना जाता है रमजान का महीना मुसलमानों के लिए बहुत अहम और खास होता है इसमें सभी मुसलमान एहसास कर सकते हैं कि कैसे गरीब लोग और उनके बच्चे भूखे रहते हैं और उन्हें कैसा एहसास होता है रमज़ान में इबादत करने का और कोई भी 1 नेकी करने का 70 नेकी करने के बराबर सवाब मिलता है यानी कि 70 गुना ज्यादा सवाब मिलता है।
Zakat (ज़कात)
जो लोग ज़कात देने के लायक होते हैं यानी कि उनके पास अगर 7.5 तोला सोना है और 52 तोला चांदी है या फिर उनके पास इस के बराबर कैश है तो उन्हें जकात देना जरूरी होता है उन्हें अपने माल के हिस्से से 2.5% ज़कात गरीबों को देना होता है।
Hajj (हज)
सभी मुसलमानों के लिए हज करना भी फर्ज होता है अगर कोई मुसलमान हज करने की स्थिति में है और उसके पास इतने पैसे हैं कि वो आसानी से हज कर सकता है तो फिर हज करना उस पर फर्ज होता है लेकिन अगर कोई मुसलमान पैसों से या मानसिक स्थिति से कमजोर है उसके पास इतनी अक्ल नहीं है या फिर उसके पास इतने पैसे नहीं है कि वो हज कर सकें तो फिर उसके लिए माफ है।
तो ये थे इस्लाम धर्म के अरकान दोस्तों इस्लाम बहुत ही प्यारा धर्म है इसमें इंसान को एक अलग ही ख़ुशी मिलती है इस्लाम मज़हब में बहुत अच्छी बातें हैं जैसे की हमेशा न्याय करना झूठ न बोलना लड़कियों के साथ दोनज़री न करना उन्हें लड़कों के बराबर प्यार देना और मज़दूर का पसीना सूखने से पहले उसकी मज़दूरी दे देना किसी पर बेवजह जुल्म न करना आदि।
इसी तरह की और भी बहुत सारी खाशियत हैं इन्ही वजह से लोग इस्लाम कुबूल कर रहे हैं और घर वापसी कर रहे हैं इसी कारण इस्लाम इतनी तेजी से फैल रहा है क्यू की इस्लाम एक अच्छा और सच्चा धर्म है।
अंतिम शब्द
आज इस आर्टिकल में आप लोगों को बताया गया है कि इस्लाम कैसा धर्म है और यह इतनी तेजी से क्यू फ़ैल रहा है आशा करता हूँ की आप लोगों को जानकारी पसन्द आयी होगी और बहुत कुछ जानने को मिला होगा अगर अभी भी आप कुछ पूछना चाहते हैं तो बेझिझक कॉमेंट्स बॉक्स में अपने सवाल पूछ सकते हैं इस पोस्ट को आगे भी शेयर करें।
इन्हें भी पढ़ें
- सच्चा धर्म कौन सा है
- Duniya ka sabse bada dharm kaun sa hai
- क्या इस्लाम सच्चा धर्म है
- Duniya ka ant kab hoga
- फेसबुक हैक कैसे पता करे
- कैसे पता करे कि मेरा फोन हैक है

Habibi Welcome To My Blog मैं शेख हारिस इस साइट का owner हूँ मुझे ब्लॉग्गिंग का काफ़ी अनुभव है मैं एक इंडियन ब्लॉगर हूँ मुझे Tech से रिलेटेड पोस्ट लिखना काफ़ी पसंद है ब्लॉग्गिंग के साथ ही साथ मैं एक स्टूडेंट भी हूँ.